Vastu Dosh Nivaran by Yantra : यंत्रो से वास्तु दोष निवारण :

Vastu Dosh Nivaran : Vastu Dosh Remedies : वास्तु और ज्योतिष मे यंत्रो को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है यंत्रो को अभिमंत्रित करने के बाद की जाने वाली पूजा विशेष फलदायी होती है। आज इस लेख में यंत्रो  से वास्तु दोष निवारण किस प्रकार किया जा सकता है इसकी जानकारी दी गयी है।

यंत्रो का ज्योतिष शास्त्र मे विशेष स्थान है। यंत्रो को अभिमंत्रित करके यदि आप पूजाघर में रखते है और रोज उनकी पूजा या धूप दीप करते है तो मनोकामनायें जल्दी पूरी होती हैं, घर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

वास्तु मे मुख्य रूप से जो आठ दिशायें मानी गयी हैं वो सभी दिशायें ग्रहों से सम्बंधित हैं। जिस दिशा मे वास्तु दोष हो उसके स्वामी ग्रह के दो यन्त्र लायें। दोनों को पूजाघर मे रख कर किसी कर्मकांडी पंडित से अभिमंत्रित करवायें।  उसके बाद उनमे से एक को उस ग्रह की पीड़ित दिशा मे स्थापित करें और रोज पूजाघर मे स्थापित यन्त्र की पूजा करें और पूजा के बाद दीवार पर स्थापित यन्त्र को भी धूप दीप दिखायें। धूप दीप दिखाते हुए उस ग्रह के मंत्र का उच्चारण करते रहें।  पीड़ित दिशा के दुष्परिणाम समाप्त हो जाएंगे और तोड़-फोड़ की आवश्यकता नही पड़ेगी।

दिशा, ग्रह, यन्त्र और उच्चारण मंत्र :-

उत्तर दिशा –          उत्तर दिशा बुध ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर बुध यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :-  ॐ बुं बुधाय नम:

ईशान दिशा-         ईशान दिशा बृहस्पति ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर बृहस्पति यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ बृं बृहस्पतये नम:

पूर्व दिशा –            पूर्व दिशा सूर्य ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर सूर्य यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ घृणि: सूर्याय नम:

आग्नेय दिशा-        आग्नेय दिशा शुक्र ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर शुक्र यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ शुं शुक्राय नम:

दक्षिण दिशा-         दक्षिण दिशा मंगल ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर मंगल यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :-  ॐ अं अंगारकाय नम:

नैऋत दिशा-         नैऋत दिशा राहू ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर राहू यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ रां राहवे नम:

पश्चिम दिशा-         पश्चिम दिशा शनि ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर शनि यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ शं शनैश्चराय नम:

वायव्य दिशा-        वायव्य दिशा चंद्र ग्रह की दिशा है इस दिशा की दीवार पर चंद्र यन्त्र स्थापित करें।

उच्चारण मंत्र :- ॐ सों सोमाय नम:

उपरोक्त प्रकार से यंत्रो के इस्तेमाल से आप बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोषों को दूर कर सकते हैं।

जय प्रकाश

ज्योतिषशास्त्राचार्य एवं वास्तुशास्त्राचार्य

पायरा वास्तु एक्सपर्ट एवं साइंटिफिक वास्तु एक्सपर्ट

Director (Energy Vaastu)

Team Head (Learn and Cure)

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