Colour and Planets : वास्तु मे मुख्य रूप से जो आठ दिशायें मानी गयी हैं वो सभी दिशायें ग्रहों से सम्बंधित हैं। ऐसे मे यदि हम ग्रहों के अनुसार रंगो का चयन करते है तो हम वास्तु का पूरा लाभ ले पाएंगे
रंगो का हमारे जीवन मे बहुत महत्व है। रंग केवल चीजों को सुन्दर ही नहीं बनाते बल्कि उनका मानव जीवन पर बहुत असर पड़ता है। उदाहरण के लिए हरा रंग आँखो को शीतलता प्रदान करता है। नीला रंग शांति प्रदान करता है और ध्यान जैसे कार्यों के लिए अच्छा होता है। लाल रंग का अधिक प्रयोग गुस्सा बढ़ाता है। इसी प्रकार नारंगी रंग उत्साह बढ़ाता है।
वास्तु मे मुख्य रूप से जो आठ दिशायें मानी गयी हैं वो सभी दिशायें ग्रहों से सम्बंधित हैं। ऐसे मे यदि हम ग्रहों के अनुसार रंगो का चयन करते है तो हम वास्तु का पूरा लाभ ले पाएंगे और घर मे पॉजिटिव ऊर्जा का संचार भी होगा जो आपको जीवन मे सफलता दिलाएगा।
दिशा, ग्रह और रंग :-
पूर्व दिशा – पूर्व दिशा सूर्य ग्रह की दिशा है इस दिशा मे सुनहरा या पीला रंग कराना चाहिए।
आग्नेय दिशा – आग्नेय दिशा शुक्र ग्रह की दिशा है इस दिशा मे सिल्वर या सफेद रंग कराना चाहिए।
दक्षिण दिशा – दक्षिण दिशा मंगल ग्रह की दिशा है इस दिशा मे लाल रंग से मिलते जुलते रंग कराने
चाहिए । प्योर रेड नहीं कराना चाहिए उससे स्वभाव मे आक्रामकता बढ़ जाती है ।
नैऋत दिशा – नैऋत दिशा राहु ग्रह की दिशा है, राहु ग्रह के लिए काला रंग निर्धारित है लेकिन काला रंग घर मे कराने से बचना चाहिए। इस दिशा मे हम हरा रंग या हरे रंग से मिलते जुलते रंग करा सकते हैं ।
पश्चिम दिशा – पश्चिम दिशा शनि ग्रह की दिशा है इस दिशा मे नीला या नीले रंग से मिलते जुलते रंग कराने चाहिए।
वायव्य दिशा – वायव्य दिशा चंद्र ग्रह की दिशा है इस दिशा मे सफेद या सिल्वर रंग कराना चाहिए।
उत्तर दिशा – उत्तर दिशा बुध ग्रह की दिशा है इस दिशा मे हरा रंग कराना चाहिए।
ईशान दिशा – ईशान दिशा गुरु ग्रह की दिशा है इस दिशा मे पीला रंग, लैमन या पीले से मिलते जुलते रंग कराने चाहिए।
जय प्रकाश
ज्योतिषशास्त्राचार्य एवं वास्तुशास्त्राचार्य
पायरा वास्तु एक्सपर्ट एवं साइंटिफिक वास्तु एक्सपर्ट
Director (Energy Vaastu)
Team Head (Learn and Cure)